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आँख का पानी

प्रेमी ने कहा, सुनो प्रेयसी, मुझे तुम्हारी खिल-खिल बहती हँसी बहुत पसन्द है। ऐसे लगता है मेरे प्राण की बंसी पर तुम्हारी हँसी की फूंक से जीवन-संगीत उपजता है। जैसे पहाड़ी नदी की ...

मुस्कान

रात के 12 बजे ऊनींदे फ़ोन देखती हूँ। whatsapp में तुम्हारी तस्वीर है। नींद भरी आंखों में अचानक तुम्हारी मुस्कान पर ध्यान जाता है तो लगता है मेरे कान्हां जी क्या जी क्या ऐसे ही मोहिन...

तुम और मैं💕

मैं खुल चुकी हूँ,  मैं मुक्त हूँ,  मैं उड़ रही हूँ  तमाम बंदिशों को तोड़ देने के बाद , हाँ, मैं अब स्त्री  हूँ  संपूर्ण  हूँ  हूँ ना ? .. ये हवा जो मुझे  छू रही है  ये बारिश  की बूँदे  जो मेरे चेहरे पर  गिर रही हैं    ये पेड़ो  की शाखों  से टूट कर गिरे पत्ते  मेरे पैरों  के नीचे आ  गुदगुदी कर रहे हैं   मैं जी रही हूँ   मैं पूरी हो रही हूँ   हो रही हूँ ना ?...  मैं किसी नदी के किनारे   एकांत ढूँढ रही हूँ   किसी बड़े से पत्थर पर बैठ  बंद आँखों में अपने ईश्वर  को खोज रही हूँ   देह जर्जर , मन तपस्वी   और कुछ  दिन , बस कुछ  और दिन ----  तुम्हारे  लिए  कोई गीत  प्रेम का गा रही हूँ  किसी एक धीमी धीमी सी धुन पर नृत्य  करते करते  बेसुध  हो रही हूँ   मैं अग्रसर हूँ मंत्रमुग्ध हो उस ओर  जहाँ कोई  नीली सी रोशनी  है, गुल...